" सो जाने दो "
थक गया है राही, उसे सो जाने दो
अब चलना दुष्कर है उसे सो जाने दो।
कदम दर कदम काँटों से झुलसा है वो ,
थोड़ा सुकून आ जाये , उसे सो जाने दो।
आँखों में आस लिए , झपकी नहीं है पलके
आँख न भर आए , उसे सो जाने दो।
रास्ते की आंधी से , सन गया है तन उसका
ज़रा तूफान थम जाये , उसे सो जाने दो।
मंज़िल की चाह में बहुत दूर तक चलता रहा ,
अभी भी सफर है बाकी , उसे सो जाने दो।
ऐसा नहीं कि , होंसला पस्त हो गया है
थोड़ा मन उदास है, उसे सो जाने दो।
दुनिया के हर रंग से वाक़िफ़ हो चुका है वो
खुद बेरंग न हो जाए, उसे सो जाने दो।
सपने उसके सफर में पीछे खो गए हैं ,
नया सपने सज जाये उसे सो जाने दो।
मंज़िल तक आते आते शायद सांस टूट जाये
अभी उसमे साँसे हैं , उसे सो जाने दो।
कुछ नहीं माँगा कभी ,
सफर में कारवां से।
राही की फरियाद है
उसे सो जाने दो....... सो जाने दो ....
- डॉ पंकज वर्मा
Ok so jane do .Dr.sahab .very nice way to express the thoughts
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